Yatharthvad Kya Hai | यथार्थवाद क्या है | यथार्थवाद का अर्थ एवं परिभाषा और विशेषताएं

इस लेख में हम आपको यथार्थवाद क्या है? इसके बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसके अलावा आपको यथार्थवाद के प्रकार से जुड़ी जानकारियां सरल और स्पष्ट भाषा में दी जाएंगी।

अगर आप राजनीति विषय का अध्ययन करते हैं अथवा किसी प्रतियोगी परीक्षा (competitive exam) की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको Yatharthvad Kya Hai? इसके बारे में पूरी जानकारी पता होना चाहिए। क्योंकि प्रश्न कहीं से भी पूछे जा सकते हैं।

इस आर्टिकल में यथार्थवाद के बारे में व्याख्यात्मक रूप से चर्चा की गई है, जिससे छात्रों को यथार्थवाद के बारे में जानने को मिलता है और वे बड़ी ही आसानी से किसी को समझा सकते हैं, कि किसी व्यक्ति के लिए यथार्थवाद को समझना क्यों आवश्यक है?

इसके अलावा इस आर्टिकल में आपको यथार्थवाद का महत्व, विशेषताएं तथा इसके मूल सिद्धांत के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। 

इसके अलावा Article में आपके लिए एक वीडियो भी है, जिसे देखने के बाद आपको यह बात बिल्कुल अच्छी तरह से याद हो जायेगी, कि यथार्थवाद क्या है? इसलिए कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Yatharthvad Kya Hai | यथार्थवाद क्या है?

Yatharthvad Kya Hai | यथार्थवाद क्या है | यथार्थवाद का अर्थ एवं परिभाषा और विशेषताएं

यथार्थवाद को अंग्रेजी में Realism नाम से जाना जाता है, या एक ऐसी विचारधारा है जिसकी शुरुआत, मनुष्य के मस्तिष्क में प्राचीन काल में ही हो गई थी।

आसान शब्दों में, यथार्थवाद का तात्पर्य एक ऐसी विचारधारा से है, जो हमारे आस-पास मौजूद समस्त वस्तुओं और भौतिक जगत, जिसका हम अपने ज्ञानेंद्रियों द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं, उसे सत्य मानती है।

अभी के समय में यथार्थवाद का नया रूप वैज्ञानिक यथार्थवाद है, जिसे आज भी यथार्थवाद के नाम से ही जाना जाता है। 

वैज्ञानिक यथार्थवादियों का मानना है, कि यह परिवर्तनशील है और यथार्थवाद के किसी निश्चित रूप को जानना लगभग असंभव है।

यथार्थवाद की परिभाषा क्या है?

चलिए अब यथार्थवाद की परिभाषा पर चर्चा करते हैं, यहां पर हम आपको कुछ प्रमुख विद्वानों के द्वारा बताई गई यथार्थवाद की परिभाषा के बारे में बताने जा रहे हैं जो नीचे दिया गया है।

बटलर के अनुसार: बहुत बड़ी संख्या में व्यक्तियों के लिए संसार निर्विवाद यथार्थ है। उनके अनुसार यथार्थवाद संपूर्ण विश्व की अपनी सामान्य स्वीकृति का ही रूप है, कहने का मतलब है कि जिस रूप में विश्व हमारे समक्ष होता है या हमें दिखाई पड़ता है, वही यथार्थवाद है।

जेम्स एस रास के अनुसार यथार्थवाद की परिभाषा: यथार्थवाद का सिद्धांत या स्वीकार करता है कि हमें प्रत्यक्ष दिखाई पड़ने वाली चीजों के पीछे उनसे मिलता जुलता हुआ वस्तुओं का एक वास्तविक संसार मौजूद है।

यथार्थवाद का अर्थ क्या है? 

वैसे तो हमने आपको बताया कि यथार्थवाद एक प्रकार की विचारधारा है जिसके अनुसार यह माना जाता है कि जो वस्तुएं और भौतिक जगत का हम प्रत्यक्ष रूप में अनुभव करते हैं वह सभी वास्तविक और सत्य है।

यथार्थवाद के कुछ अन्य अर्थ निम्नलिखित है: 

  • यथार्थवाद व विचारधारा है, जो भौतिक जगत और प्रत्यक्ष वस्तुओं को सत्य मानती है।
  • बिना किसी आदर्श कारण के कल अथवा साहित्य में लोगों और चीजों का चित्रण भी यथार्थवाद कहलाता है।

यथार्थवाद के सिद्धांत क्या है?

यथार्थवाद की कुछ मूल सिद्धांत है जिनके बारे में हम बताने जा रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यथार्थवाद में मूल रूप से 6 सिद्धांत है।

  1. यथार्थवाद के सिद्धांत के अनुसार अपनी सुरक्षा करना राष्ट्रीय हित माना गया है।
  1. किसी का राष्ट्रीय हित देश और समय के अनुसार परिवर्तित होता रहता है, उदाहरण के तौर पर किसी देश में राष्ट्रीय हित का नियम अलग है और किसी अन्य देश में नियम अलग होता है और यह समय के अनुसार बदलता भी रहता है।
  1. राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु शक्ति का स्तर राज्य के सैनिक, उसकी अर्थव्यवस्था और राजनीतिक क्षमताओं से निर्धारित होता है।
  1. दो राज्यों के बीच के संबंध को सत्ता के विभिन्न स्तरों पर मौजूद अपने संबंधित कार्यकारी निर्धारित करते हैं।
  1. राष्ट्र अथवा राज्य के लिए अपने संसाधनों को एकत्र करना अपने हितों की खोज करने का प्रयास है।
  1. राज्य की राजनीति वस्तुनिष्ठ कानून द्वारा शासित की जाती है।

यथार्थवाद कितने प्रकार के होते हैं? 

यथार्थवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमें भौतिक जगत को सत्य माना जाता है और यथार्थवाद के सिद्धांत को मानने वाले यथार्थवादियों का मानना है कि असल विश्व की वास्तविकता मानव मन से स्वतंत्र है। 

यथार्थवादियों की अलग-अलग परिभाषाओं और सिद्धांतों के आधार पर यथार्थवाद के कई प्रकार शामिल है, जोकि नीचे बताए गए हैं।

  • सामान्य ज्ञान यथार्थवाद
  • सामाजिक यथार्थवाद
  • शास्त्रीय यथार्थवाद 
  • नव-शास्त्रीय यथार्थवाद
  • नैतिक यथार्थवाद
  • नव-यथार्थवाद
  • आध्यात्मिक यथार्थवाद
  • पद्धतिगत यथार्थवाद
  • वैज्ञानिक यथार्थवाद

यथार्थवाद की विशेषताएं क्या हैं? 

यथार्थवाद की कुछ विशेषताओं के बारे में नीचे बताया गया है।

  • यथार्थवाद विचारधारा के अनुसार भौतिक जगत और इसमें मौजूद वस्तुएं सत्य हैं जिनके हम अपनी ज्ञानेइंद्रियों के द्वारा प्रत्यक्ष अनुभव करते हैं।
  • भौतिक जगत की वास्तविकता हमारे मानव मन से स्वतंत्र होती है।

यथार्थवाद के गुण और दोष क्या है? 

यथार्थवाद के गुण और दोष के बारे में आगे जानकारी दी गई है।

यथार्थवाद के गुण

  • व्यवहारिक ज्ञान पर जोर दिया जाता है।
  • शिक्षा को मनुष्य के सर्वांगीण विकास का साधन माना जाता है।
  • गतिशील और अनुकूलनीय मस्तिष्क के विकास पर जोर दिया जाता है।
  • प्राकृतिक तत्व और सामाजिक संस्थाओं को अधिक महत्व देना 

यथार्थवाद के दोष

  • अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई पहलुओं को पकड़ने में नाकाम रहना
  • राज्यों के भीतर और राज्यों के बीच की राजनीति को फायदे के लिए अंतिम प्रतिस्पर्धा समझना

FAQs – Yatharthvad Kya Hai? 

यहां पर यथार्थवाद से संबंधित कुछ सवाल जवाब है आप उनके बारे में भी पढ़ सकते हैं।

  1. वाक्य के कितने भेद होते हैं
  2. भाषा क्या है, किसे कहते है (Bhasha Kya Hai)
  3. लोकतंत्र क्या है (Loktantra Kya Hai) 
  4. भारतीय संविधान क्या है 

यथार्थवाद के संस्थापक कौन है? 

आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि यथार्थवाद की परंपरा की शुरुआत प्लेटो के शिष्य अरस्तु के द्वारा किया गया और इसीलिए अरस्तु को यथार्थवाद के संस्थापक के तौर पर माना जा सकता है।

हालांकि अन्य विषय क्षेत्र में यथार्थवाद के अन्य संस्थापक भी हैं जैसे की मौखिक कला में यथार्थवाद के जनक हेनरिक इबसेन को माना जाता है।

अमेरिकी यथार्थवाद के संस्थापक विलियम डीन हॉवेल्स को माना जाता है।

यथार्थवाद के मुख्य विचारक कौन हैं? 

यथार्थवाद के मुख्य विचारक अरस्तु को मानते हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख सिद्धांत के विचारक के रूप में थूसीडाइड, मैकियावेली, और होब्स जैसे लेखक मुख्य विचारक है।

निष्कर्ष | यथार्थवाद क्या है अर्थ एवं परिभाषा जाने!

उम्मीद है कि, यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे कि यथार्थवाद क्या है? (Yatharthvad Kya Hai)

हमें विश्वास है कि, यह आर्टिकल आपको यथार्थवाद को समझने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा इसे पढ़ने के बाद आप किसी को यथार्थवाद के बारे में बता भी सकते हैं।

इस तरह के महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने में बहुत मेहनत लगती है, इसलिए अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें। धन्यवाद! 

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