वाक्य के कितने भेद होते हैं | Vakya ke Kitne Bhed Hote Hain?

इस आर्टिकल में हम आपको वाक्य के कितने भेद होते हैं? इसके बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं। इसके अलावा आपको वाक्य के भेद से जुड़ी जानकारियां सरल और स्पष्ट भाषा में दी जाएंगी।

अगर आप हिंदी के छात्र हैं और इसका अध्ययन करते हैं अथवा किसी कंपटीशन की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में अवश्य पता होना चाहिए।

MEINHINDI के इस लेख में आपको रचना तथा अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार और उनके गुण की जानकारी उदाहरण सहित दी गई है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह लेख पढ़ने के बाद; आप बड़ी आसानी से याद कर सकते हैं कि Vakya ke Kitne Bhed Hote Hain

इसके अलावा आपको कोई और Article पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी और Article में आपके लिए एक वीडियो भी है, जिसे देखने के बाद आपको यह बात बिल्कुल अच्छी तरह से याद हो जायेगी कि वाक्य कितने प्रकार के होते हैं? इसलिए कृपया इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

वाक्य किसे कहते हैं?

वाक्य के कितने भेद होते हैं? इसके बारे में जानने से पहले आपको वाक्य किसे कहते हैं? अथवा वाक्य की परिभाषा क्या है? इसके बारे में जान लेना चाहिए।

वाक्य की परिभाषा: ” हिंदी भाषा में दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह जिनसे समूह के संपूर्ण अर्थ का पता चलता है, उसको वाक्य कहा जाता है। उदाहरण के लिए नीचे दिए गए वाक्य को लेते हैं। “

"पढ़ने से विद्या की प्राप्ति होती है।" 

चूंकि इस वाक्य का सही सही अर्थ निकलता है, क्योंकि यहां पर शब्दों को एक क्रम में रखा गया है, जिस कारण से यह शब्द आपस में मिलकर एक सार्थक वाक्य बना रहे हैं। अतः यह एक वाक्य है, लेकिन अगर वहीं दूसरी तरफ अगर इस वाक्य को ऐसे लिखा जाए।

"पढ़ने से विद्या"

तो यहां पर आप देखते हैं कि इस वाक्य का सही सही अर्थ नहीं पता चलता है, क्योंकि इस वाक्य में शब्दों का क्रम सुव्यवस्थित और पूर्ण नहीं है। इसलिए यह वाक्य नही कहलाएगा।

आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि वाक्य को किसी भाषा के सबसे बड़े अंग के रूप में जाना जाता है और यह दो या दो से अधिक शब्दों के समूह से बनता है।

वाक्य के अंग:

वाक्य के कितने भेद होते हैं?, इसके बारे में अच्छी तरह से जानने के लिए आपको वाक्य के अंग के बारे में भी पता होना चाहिए। वाक्य के दो अंग होते है, जिन्हे आगे बताया गया है।

1. उद्देश्य:

किसी वाक्य में जिसके बारे में बताया जाता है अथवा बात की जाती है, उसे उद्देश्य कहते हैं। उदाहरण के लिए नीचे दिए गए वाक्य को देखें।

जैसे: राम खेलता है।

ऊपर दिए गए वाक्य में राम के बारे में बताया गया है, अतः राम इस वाक्य का उद्देश्य है। आसान शब्दों में समझा जाए तो वाक्य में मौजूद कर्ता को ही उद्देश्य कहा जाता है।

2. विधेय:

किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी बताया जाता है अथवा जो बात की जाती है, उसे विधेय कहा जाता है। उदाहरण के लिए नीचे दिए गए वाक्यों को देखें।

जैसे: राजेश पढ़ रहा है।

ऊपर दिए गए वाक्य में पढ़ना विधेय है। आसान शब्दों में समझें तो वाक्य में मौजूद क्रिया को ही विधेय कहा जाता है।

इस बात का ध्यान रखें कि विधेय के अंदर क्रिया तथा क्रिया के विस्तारक दोनों को शामिल किया जाता है।

हिंदी में  में वाक्य के कितने भेद हैं (Vakya Ke Kitne Prakar Hain)

हम आपको बताना चाहते हैं कि हिंदी भाषा में वाक्य के कुल 3 प्रकार पाए जाते हैं, जिन्हें अलग-अलग आधारों पर विभाजित किया गया है। वाक्य के तीनों प्रकारों को नीचे सूचीबद्ध भर्ती किया गया है।

  1. रचना/प्रयोग के आधार पर वाक्य के भेद
  2. अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
  3. क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद
Note: विकिपीडिया के अनुसार आधुनिक व्याकरण की दृष्टि से देखा जाए, तो मुख्य रूप से रचना/प्रयोग के आधार पर विभाजित वाक्य के तीन भेद होते हैं। वही दूसरी तरफ अर्थ के आधार पर विभाजित वाक्य के आठ भेद होते हैं।

इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि क्रिया के आधार पर विभाजित वाक्य के भेद को वाच्य भी कहा जाता है। चूंकि अभी आपको इसके बारे में ज्यादा जानने की आवश्यकता नहीं है। 

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इसलिए हम इस आर्टिकल में पहले हम रचना तथा अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकारों पर चर्चा करने जा रहे हैं और क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद को अंत में बताया जाएगा।

Video Source: Youtube

रचना/प्रयोग के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?

हिंदी भाषा में रचना/प्रयोग के आधार पर वाक्य के कुल तीन प्रकार होते हैं, जिन्हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है।

1. सरल/साधारण वाक्य (Saral Vakya Kise kahate hain)

हिंदी भाषा में ऐसे वाक्य जिसमें सिर्फ एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उस वाक्य को विशेष रुप से सरल वाक्य कहते हैं। सरल वाक्य की पहचान आप नीचे बताई गई बातों के आधार पर कर सकते हैं और यह बातें आपको याद रखनी चाहिए।

सरल वाक्य के नियम:

  1. सरल वाक्य में सिर्फ एक विधेय और एक उद्देश्य पाया जाता है।
  2. अगर किसी सरल वाक्य में एक से अधिक कर्ता हैं और उसमें मौजूद क्रियाएं एक समान है, तो उस वाक्य में मौजूद सभी उद्देश्य एक ही उद्देश्य के रूप में माने जाएंगे
  3. अगर किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हैं और उसमें मौजूद क्रियाएं भी एक से अधिक है, लेकिन प्रत्येक कर्ता द्वारा की गई क्रिया एक समान है, तो इसे सरल वाक्य माना जाएगा।
  4. अगर किसी सरल वाक्य में क्रिया सिर्फ एक है, तो इस वाक्य में मौजूद सभी कर्ता एक ही उद्देश्य माने जाएंगे।
  5. अगर किसी वाक्य में कर्ता एक समान है, तो सभी क्रियाओं को एक ही विधेय के रूप में माना जाएगा।

सरल वाक्य के उदाहरण: सरल वाक्य की पहचान के लिए नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यान से देखें।

उदाहरण: राजेश के पिता रमेश खूब मेहनत करते हैं।

इस वाक्य को देखने पर आपको निम्नलिखित बातों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।

  1. रमेश – कर्ता (उद्देश्य) है।
  2. राजेश के पिता – कर्ता विस्तारक (उद्देश्य) है।
  3. मेहनत करते हैं – क्रिया (विधेय) है।
  4. खूब मेहनत – क्रिया विस्तारक (विधेय) है।

2. मिश्र वाक्य (Mishra Vakya Kise kahate hain)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य जिसमें किसी प्रधान उपवाक्य के अलावा कई आश्रित उपवाक्य भी मौजूद होते हैं, उन्हे विशेष रुप से मिश्र/मिश्रित वाक्य कहते हैं। 

मिश्र वाक्य की पहचान करने के लिए आप नीचे दिए गए बातों को ध्यान पूर्वक पढे और याद रखें।

मिश्र वाक्य के नियम: 

  1. मिश्र/मिश्रित वाक्य में एक से अधिक आश्रित उपवाक्य पाए जा सकते हैं, लेकिन प्रधान उपवाक्य एक ही होगा।
  2. मिश्रित वाक्य में एक मुख्य उद्देश्य तथा एक मुख्य विधेय के साथ साथ एक से अधिक सकर्मक क्रियाएं भी पाई जाती है।
  3. मिश्रित वाक्य में आश्रित उपवाक्य का आरंभ एक योजक शब्द के साथ होता है।
  4. मिश्रित वाक्य में मौजूद प्रधान उपवाक्य एक साधारण वाक्य की तरह होता है, लेकिन आश्रित उपवाक्य साधारण उपवाक्य की तरह नहीं होते हैं।
  5. यदि किसी वाक्य के सभी उपवाक्य किसी योजक शब्द के साथ आरंभ होते हैं, तो उस वाक्य का अंतिम वाक्य प्रधान उपवाक्य कहलाता है।
Note: वाक्य के अंदर आने वाले जो, जिन्हे, जितना, जैसे, क्योंकि और आदि जैसे शब्द योजक शब्द कहलाते हैं।

मिश्र/मिश्रित वाक्य के उदाहरण: मिश्र वाक्य की पहचान के लिए नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखें।

उदाहरण: राम ने खाना खाया और आराम किया

ऊपर दिए गए उदाहरण को अगर आप ध्यान पूर्वक देखेंगे, तो आपको पता चलेगा कि इसमें दो वाक्य मौजूद हैं, जिसमें से प्रधान उपवाक्य “राम ने खाना खाया” तथा आश्रित उपवाक्य “आराम किया” है। इसमें आश्रित उपवाक्य को प्रधान उपवाक्य के साथ एक योजक शब्द (और) के साथ जोड़ा गया है। अतः यह मिश्र वाक्य की पहचान है।

3. संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya Kise kahate hain)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य जिसमें दो से अधिक उपवाक्य मौजूद होते हैं और वे दोनो किसी निर्दिष्ट योजक शब्द की मदद से आपस में संयुक्त हो; तो उन्हें संयुक्त वाक्य कहा जाता है।

संयुक्त वाक्य की पहचान करने के लिए नीचे बताए गए वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उन्हें याद रखें

संयुक्त वाक्य के नियम: 

  1. संयुक्त वाक्य में पाए जाने वाले सभी उपवाक्य साधारण होते हैं।
  2. संयुक्त वाक्य के सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं।
  3. संयुक्त वाक्य में बहुत सारे उपवाक्य पाए जाते हैं।
  4. संयुक्त वाक्य में मौजूद उपवाक्य को आपस में जोड़ने के लिए किसी निर्दिष्ट योजक शब्द का प्रयोग किया जाता है।
निर्दिष्ट योजक शब्दों के उदाहरण: किंतु, परंतु, लेकिन, अथवा, या, तथा, एवं, बल्कि, आदि शब्द।

संयुक्त वाक्य के उदाहरण: संयुक्त वाक्य की पहचान करने के लिए नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

उदाहरण: राजेश अच्छी तरह मेहनत करता है, लेकिन लक्ष्य पाने में असफल हो जाता है।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखने से आपको यह पता चलेगा, कि इसमें दो उपवाक्य मौजूद हैं। जिसमें से पहला उपवाक्य “राजेश अच्छी तरह मेहनत करता है” और दूसरा उपवाक्य “लक्ष्य पाने में असफल हो जाता है” मौजूद हैं। इन दोनों उपवाक्य को आपस में जोड़ने के लिए एक निर्दिष्ट योजक शब्द “लेकिन” का उपयोग किया गया है। इसलिए यह संयुक्त वाक्य का उदाहरण है।

अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?

हिंदी भाषा में अर्थ के आधार पर वाक्य के कुल 8 प्रकार पाए जाते हैं, जिन्हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है।

1. विधानवाचक वाक्य (विधानवाचाक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य, जिसमें किसी क्रिया के करने अथवा होने का बोध होता है, उसे विधानवाचक वाक्य अथवा विधिवाचक वाक्य कहा जाता है। 

विधानवाचक वाक्य में किसी काम के होने अथवा किसी चीज के अस्तित्व का बहुत होता है। विधानवाचक वाक्य की पहचान करने के लिए नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखें।

विधानवाचक वाक्य के उदाहरण: 

  1. राजेश दौड़ रहा है।
  2. श्याम पढ़ रहा है।
  3. सीता खाना बना रही है।
  4. राजू पानी पी रहा है।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखेंगे, तो इससे पता चलता है कि यहां पर कार्य जारी है अथवा अस्तित्व में है, इसलिए यह विधानवाचक वाक्य के उदाहरण हैं।

2. इच्छावाचक वाक्य (इच्छावाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य जिनसे किसी प्रकार की इच्छा जैसे: शुभकामना, श्राप, आशीर्वाद का बोध प्रकट होता है, तो उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहा जाता है।

इच्छवाचक वाक्य की पहचान जानने नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण:

  1. मैं घर जाना चाहता हूं।
  2. मैं पढ़ाई करना चाहता हूं।
  3. भगवान आपको लंबी उम्र दे।
  4. आपकी यात्रा मंगलमय हो।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़ने से आपको यह पता चलेगा कि, इनमें से किसी न किसी प्रकार की इच्छा का बोध हो रहा है। इसलिए यह सभी इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण हैं।

3. संकेतवाचक वाक्य (संकेतवाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार के शर्त का भाव प्रकट होता है, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। आसान शब्दों में संकेतवाचक वाक्य से किसी प्रकार के संकेत अथवा शर्त का बोध होता है। 

Note: संकेतवाचक वाक्य में एक कार्य का होना दूसरे कार्य पर निर्भर होता है।

संकेतवाचक वाक्य की पहचान जानने के लिए नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण: 

  1. तुम पढ़ोगे तो जरूर पास हो जाओगे।
  2. अगर तुम मेहनत करोगे, तो जरूर सफलता प्राप्त करोगे।
  3. गर्मी कम होती तो अच्छा होता।
  4. अगर तुम घर जाओगे तो तुम्हारी मां को अच्छा लगेगा।

ऊपर दिए गए सभी वाक्य को ध्यान पूर्वक पढ़ने से आपको पता चलेगा कि इन सभी बातों से किसी प्रकार के संकेत अथवा संभावना का बोध हो रहा है। इसलिए यह सभी वाक्य संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण हैं।

4. संदेहवाचक वाक्य (संदेहवाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य, जो किसी प्रकार के संदेह का बोध कराते हैं, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। आसान शब्दों में ऐसे वाक्य जिनसे संदेह अथवा संभावना के भाव प्रकट होते हैं, ऐसे वाक्यों को विशेष रूप से संदेहवाचक वाक्य कहा जाता है।

संदेहवाचक वाक्य की पहचान करने के लिए आप नीचे दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखें।

संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण: 

  1. शायद राजेश आज नहीं आ पाएगा।
  2. मैं कल कॉलेज जा सकता हूं।
  3. शायद वह घर पर नहीं जा पाएगा।

ऊपर दिए गए वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखने से आपको पता चलेगा कि इन वाक्यों को पढ़ने पर इनमें संदेह अथवा संभावना का भाव प्रकट हो रहा है, इसलिए यह सभी संदेहवाचक वाक्य कहलाएंगे।

5. आज्ञावाचक वाक्य (आज्ञावाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के जिन वाक्यों से किसी प्रकार के आदेश, प्रार्थना, उपदेश आदि भाव का बोध प्रकट होता है, तो उन्हे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। आसान शब्दों में आज्ञावाचक वाक्यों से आज्ञा देने अथवा अनुमति देने का बोध प्रकट होता है।

आज्ञावाचक की पहचान जानने के लिए आप नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान पूर्वक पढ़ सकते हैं।

आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण:

  1. वहां जाकर बैठ जाओ।
  2. कृपया एक गिलास पानी लेकर आओ।
  3. कल तुम्हें स्कूल जरूर आना है।
  4. तुम्हें अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान पूर्वक देखने के बाद आपको यह पता चलेगा, कि इनमे से आदेश और उपदेश जैसे भाव प्रकट हो रहे हैं, इसलिए यह सभी आज्ञावाचक वाक्य के उदाहरण हैं।

6. निधेषवाचक वाक्य (निषेधवाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के निषेधवाचक वाक्य से क्रिया के ना होने का बोध होता है, आसान शब्दों में जिन वाक्यों से किसी कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। निषेधवाचक वाक्य के अंतर्गत नकारात्मक बातें आती हैं। 

निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण नीचे दिए गए है, उन्हे ध्यान पूर्वक देखें।

निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण: 

  1. तुम्हें यह कार्य नहीं करना चाहिए।
  2. तुम कल स्कूल मत जाना।
  3. मैं खाना नहीं खाऊंगा।

ऊपर द्वारा दिए गए वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखने से आपको यह पता चलेगा, कि इनसे किसी कार्य के नहीं होने का बोध हो रहा है; इसलिए यह सभी निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण है।

7. प्रश्नवाचक वाक्य (प्रश्नवाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य, जिसमें किसी प्रकार के प्रश्न का बोध प्रकट होता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। आसान शब्दों में प्रश्नवाचक वाक्यों से किसी प्रकार का प्रश्न पूछने का भाव स्पष्ट होता है।

प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

  1. तुम पढ़ना क्यों चाहते हो?
  2. तुम दिल्ली क्यों जाना चाहती हो?
  3. क्या तुम्हे संगीत सुनना पसंद है?
  4. तुम्हारा घर कहां है?

8. विस्मयवाचक वाक्य (विस्मयवाचक वाक्य किसे कहते हैं)

हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य जिनसे किसी प्रकार का गुस्सा, ईर्ष्या, आश्चर्य आदि के भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहा जाता है।

विस्मयवाचक वाक्य के उदाहरण नीचे दिए गए हैं।

  1. अरे आप यहां क्या कर रहे!
  2. हे भगवान वह कैसे बच गए!
  3. अरे तुम यह काम भी करते हो!

कर्ता और क्रिया के आधर पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?

कर्ता और क्रिया के आधार पर वाक्य के दो भेद होते हैं, जिन्हें आप वाक्य के अंग भी सकते हैं। जिनके बारे में आगे बताया गया है।

  1. उद्देश्य 
  2. विधेय

इन दोनों के बारे में आपको इसी आर्टिकल में ऊपर बताया जा चुका है।

इसे भी पढ़ें: लोकतंत्र क्या है | Loktantra Kya Hai?

वाक्य के भेद/प्रकार पर आधारित FAQs

इस आर्टिकल में हमने कुछ प्रश्नों को सम्मिलित किया है, जो वाक्य के कितने भेद होते हैं? से संबंधित है। आपको इन प्रश्नों के उत्तर अवश्य जानने चाहिए।

रचना की दृष्टि से वाक्य के कितने भेद होते हैं?

रचना की दृष्टि से वाक्य के तीन भेद होते हैं, जो निम्नलिखित हैं।

1. सरल अथवा साधारण वाक्य
2. संयुक्त वाक्य
3. मिश्र वाक्य

उपवाक्य के कितने भेद होते हैं?

हिंदी भाषा में उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं, जिन्हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है।

1. संज्ञा उपवाक्य (Noun Clause)
2. विशेषण उपवाक्य (Adjective clause)
3. क्रिया विशेषण उपवाक्य (Adverb clause)

वाक्य के कितने अंग होते हैं?

वाक्य के दो भेद होते हैं, जिसमें उद्देश्य और विधेय शामिल हैं।

वाक्य के कितने भेद होते हैं Class 10?

वाक्य के भेद सभी कक्षा के लिए समान हैं अतः Class 10 में भी वाक्य के 8 भेद हैं। जोकि इस आर्टिकल में बताए गए हैं।

वाक्य के प्रमुख कितने गुण होते हैं?

वाक्य के प्रमुख गुण नीचे सूचीबद्ध किए गए हैं।

1. आकांक्षा अथवा उद्देश्य
2. सार्थकता अथवा पूर्णता
3. निकटता
4. योग्यता अथवा सामर्थ्य
5. पदक्रम अथवा संयोजन
6. अन्वय अथवा मेल

Conclusion – Vakya Ke Kitne Bhed Hote Hain

हम आशा करते हैं कि आपको वाक्य के कितने भेद होते हैं? इसके बारे में पता चल गया होगा। उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपने वाक्य के प्रकार से जुड़ी बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारियों को जाना होगा।

अगर आपको अभी भी वाक्य के भेद अथवा प्रकार आदि से संबंधित किसी प्रकार की समस्या हो रही है, तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हमें यथासंभव आपको जवाब जल्द से जल्द देंगे।

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