जानिए Sentence कितने प्रकार के होते हैं | Sentence Kitne Prakar Ke Hote Hai (उदाहरण सहित)

सेंटेंस कितने प्रकार के होते हैं (उदाहरण सहित) | Sentence Kitne Prakar Ke Hote Hai | सेंटेंस की परिभाषा | Sentence किसे कहते हैं | जानिए Sentence से हम क्या समझते हैं? आदि जैसे प्रश्नों के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे।

Sentence यानी वाक्य, आज के समय में वाक्यों के बारे में तो हर कोई जानता है लेकिन यह कितने प्रकार के होते है और किसे कहते हैं अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं होती है।

ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि लोग अपनी प्रारंभिक शिक्षा के समय ध्यान से अपनी पढ़ाई नहीं करते हैं और उन्हें बाद में गूगल या फिर सोशल मीडिया पर सर्च करना पड़ता है कि सेंटेंस क्या होता है? और सेंटेंस से कितने प्रकार के होते हैं?

इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं, कि सेंटेंस कितने प्रकार के होते  हैं | sentence किसे कहते हैं | sentence से हम क्या समझते हैं? आदि जैसे प्रश्नों के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम जानते है।

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सेंटेंस कितने प्रकार के होते हैं | Sentence Kitne Prakar Ke Hote Hai?

सेंटेंस कितने प्रकार के होते हैं (उदाहरण सहित) | Sentence Kitne Prakar Ke Hote Hai | सेंटेंस की परिभाषा | Sentence किसे कहते हैं | जानिए Sentence से हम क्या समझते हैं?

अगर सेंटेंस की बात की जाए तो शब्दों का ऐसा समूह जिससे किसी प्रकार का भाव प्रकट हो उसे Sentence कहते हैं।

मुख्यत: function और structure दोनो के अनुसार सेंटेंस चार प्रकार के होते हैं, लेकिन इनके प्रकारों को तीन मुख्य आधारों पर बांटा गया है जोकि निम्नलिखित है।

  • संरचना के आधार पर
  • क्रिया के आधार पर
  • अर्थ के आधार पर 

तो चलिए इन तीनों आधारों पर हम जानते हैं कि sentence के प्रकार कितने होते हैं।

संरचना के आधार पर Sentence कितने प्रकार के होते हैं? 

संरचना के आधार पर सेंटेंस को तीन प्रकारों में बांटा गया है, जो इस प्रकार है।

  1. साधारण वाक्य (Simple Sentence) 
  1. संयुक्त वाक्य (Composite Sentence) 
  1. मिश्रित वाक्य (Miscellaneous Sentence) 

अब हम इन सभी वाक्य के बारे में एक विस्तार पूर्वक विवरण जानते हैं यह सभी वाक्य होते क्या है।

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#1. साधारण वाक्य किसे कहते है (Simple Sentence) 

जब किसी वाक्य में एक ही विधेय और एक ही उद्देश्य का बोध हो रहा है तो वह वाक्य साधारण वाक्य कहलाते हैं।

अर्थात किसी वाक्य से हमें यह पता चल रहा हो कि उस वाक्य में काम करने वाले लोगों की संख्या अधिक है और काम एक ही है तो ऐसे वाक्यों को हम साधारण वाक्य कहते हैं।

यानी एक से अधिक करता होना और कम एक ही होना साधारण वाक्य है, इसलिए हमें साधारण वाक्य से स्पष्ट होता है कि यह वाक्य एक विधेय और उद्देश्य का बोध कराते हैं।

तो चलिए अब हम इसके कुछ उदाहरण से समझते हैं की साधारण वाक्य होते क्या है?

साधारण वाक्य के कुछ उदाहरण: 

  • रीता पढ़ाई करती है।

हमारे द्वारा बताए गए इस उदाहरण में हमने बताया कि रीता पढ़ाई करती है। यह वाक्य साधारण वाक्य इसलिए है कि रीता पढ़ाई करती है, लेकिन रीता के अलावा अन्य जितने भी बच्चे हैं; वह बच्चे भी पढ़ाई करते हैं।

वाक्य में कर्म एक है और कर्ता अधिक इसलिए यह वाक्य साधारण वाक्य के अंतर्गत आता है।

  • घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।

हमारे द्वारा बताए गए दूसरे उदाहरण में हमने बताया घूमना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन ऐसा तो नहीं है की घूमते केवल एक लोग हैं अधिकतर लोग घूमना पसंद करते हैं, क्योंकि आप उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

तो इस वाक्य में भी काम घूमना है और घूमने वाले लोगों की संख्या अधिक है इसलिए कर्ता अधिक है, तो यह वाक्य भी साधारण वाक्य है।

  • मोहन थैला लेकर चलता है।

इस उदाहरण में हमने कहा की मोहन थल लेकर चलता है। इस वाक्य से स्पष्ट होता है कि मोहन थैला लेकर हमेशा चलता या चल रहा है, लेकिन ऐसा तो बिल्कुल नहीं है कि थैला लेकर केवल मोहन ही चलता है। 

इसके अलावा भी अन्य बहुत से लोग चलते है। इसलिए ये वाक्य भी साधारण वाक्य है, अब तक आपको इन उदाहरणों से समझ आ गया होगा कि साधारण वाक्य क्या है?

#2. संयुक्त वाक्य किसे कहते है (Composite Sentence) 

जब किसी वाक्य को 2 स्वतंत्र वाक्य से मिलकर बनाया जाता है तो वह वाक्य संयुक्त वाक्य कहलाता है।

केवल इतना ही नहीं यदि हम किसी इन सभी वाक्य में से किसी वाक्य के सामने से उपवाक्य हटा दे तो इन दोनों वाक्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

संयुक्त वाक्य दो वाक्य को एक साथ जोड़े हुए रखता है, जोड़ने वाले शब्दों को हम संयोजक कह कर पुकारते हैं।

किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, या, एवं, अथवा, और, बल्कि, अतः आदि जैसे शब्द संयोजन शब्द जिसका उपयोग हम संयुक्त वाक्य में वाक्यों को जोड़ने के लिए करते हैं।

तो चलिए अब हम संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण जानते हैं।

संयुक्त वाक्य के कुछ उदाहरण 

  • छुट्टियां समाप्त हुई और हम घर आ गए।

जैसा कि इस वाक्य से हमें स्पष्ट हो रहा है कि इस बात में दो वाक्य जो ‘और’ संयोजन के द्वारा जुड़े हुए हैं, यही वाक्य संयुक्त वाक्य है।

  • वह बीमार था इसलिए स्कूल नहीं आ पाया।

इस वाक्य में दो वाक्य का समावेश है जैसे वह बीमार था यह एक वाक्य होगा, और दूसरा वाक्य स्कूल नहीं आ पाएगा और इन दोनों वाक्य को जोड़ने के लिए इसलिए का उपयोग किया गया है जो की संयोजन है।

यह वाक्य भी संयुक्त वाक्य का उदाहरण है जिससे हमें स्पष्ट हो रहा है कि इसलिए के द्वारा इस वाक्य में दो वाक्य को जोड़ा गया है।

#3. मिश्रित वाक्य किसे कहते है (Miscellaneous Sentence)

जब किसी भी वाक्य में एक से अधिक वाक्य को जोड़कर प्रधान उपवाक्य बनाया जाए तो उस वाक्य को हम मिश्रित वाक्य कहते हैं।

अर्थात ऐसे सभी वाक्य  जिसकी शुरुआत में उपवाक्य संयोजक शब्द का उपयोग किया जाए वैसे वाक्य मिश्रित वाक्य है।

जैसे जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो/वह आदि जैसे शब्द मिश्रित वाक्य में उपयोग होने वाले संयोजक हैं।

मिश्रित वाक्य के उदाहरण 

  • जिसकी लाठी उसकी भैंस

हमने उदाहरण के स्वरूप में एक मुहावरे को लिया है जिसकी लाठी उसकी बातचीत में जिसकी शब्द संयोजन शब्द के रूप में प्रयोग हुआ है जिसे हम मिश्रित वाक्य कहते हैं।

  • यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे।

इस वाक्य में यदि शब्द संयोजन है जिसका उपयोग करने से यह वाक्य मिश्रित वाक्य बन रहा है।

क्रिया के आधार पर Sentence कितने प्रकार के होते हैं? 

हमारी हिंदी भाषा में क्रिया को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया जाता है।

  • कर्तृ वाच्य
  • कर्म वाच्य
  • भाव वाच्य 

अब हम क्रिया के आधार पर विभाजित वाक्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी जानेंगे।

कर्तृ वाच्य 

जब हिंदी भाषा के किसी भी वाक्य मैं प्रयोग होने वाली क्रिया के लिंग और वचन का निर्धारण किया जाए उसे कृत वाच्य कहते हैं।

कर्तृ वाच्य की वाक्य में क्रिया का प्रयोग सकर्मक और अकर्मक क्रिया के रूप में किया जाता है।

कर्तृ वाच्य के कुछ उदाहरण 

  • राकेश केला खाता है। 

इस वाक्य में सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया दोनों का प्रयोग किया गया है इससे हमें ये स्पष्ट होता है ये कृत वाच्य का उदाहरण है।

  • हम निमंत्रण पत्र कल लिखेंगे।

इस वाक्य में क्रिया के लिंग एवं वचन का निर्धारण कर्ता के अनुसार किया गया है, इससे हमें यह स्पष्ट होता है कि यह वाक्य कृत वाच्य का उदाहरण है।

कर्म वाच्य 

जब किसी वाक्य में प्रयोग होने वाली क्रिया के लिंग, वचन के अनुसार कर्म किया जाए तो उसे हम कर्म वाच्य कहते है।

हिंदी व्याकरण के अनुसार कर्मवाच्य में हमेशा सकर्मक क्रिया का ही उपयोग किया जाता है।

कर्म वाच्य के कुछ उदाहरण 

  • राकेश के द्वारा बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है।

इस वाक्य के द्वारा हमने बताया है कि यह कर्मवाच्य का उदाहरण है इसमें वचन के अनुसार वाक्य में कर्म किया जा रहा है, और इस वाक्य में सकर्मक क्रिया का उपयोग किया गया है इसलिए यह वाक्य कर्म वाच्य है।

भाव वाच्य 

क्रिया के लिंग एवं वचन के निर्धारण हेतु कर्तृ वच्य और कर्म वाच्य प्रयुक्त ना हो, तो ऐसे हिंदी वाक्य को हम भाव वाच्य कहते हैं।

इसमें हमेशा अकर्मक शब्दों का उपयोग किया जाता है, इस वाक्य में क्रिया का एक वचन और लिंग पुल्लिंग होता है।

भाव वाच्य के कुछ उदाहरण 

  • रमेश से पुस्तक नहीं पढ़ी जाती है।

वाक्य के इस प्रकार के उदाहरण में अकर्मक शब्दों का उपयोग किया जाता है और इसमें क्रिया का एक वचन और लिंग हमेशा पुलिंग होता है।

अर्थात हमारे द्वारा दिए गए उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि इस उदाहरण में क्रिया एक वचन है और लिंग पुल्लिंग है।

अर्थ के आधार पर वाक्य के प्रकार 

अर्थ के आधार पर sentence को निम्न प्रकार से बाटा गया है।

  • विधानार्थक वाक्य (Declarative sentence)
  • संदेहार्थक वाक्य (Doubtful sentences)
  • निषेधात्मक वाक्य (Negative sentence)
  • आज्ञार्थक वाक्य (Imperative sentence)
  • प्रश्नार्थक वाक्य (Interrogative sentence)
  • संकेतार्थक वाक्य (Indicative sentence)
  • इच्छार्थक वाक्य (Prepositional sentence)
  • विस्मय बोधक वाक्य (exclamation sentence)

अब हम इन सभी प्रकारों के बारे में विस्तार पूर्वक बात करते है।

विधानार्थक वाक्य (Declarative sentence) 

जिन वाक्यों में किसी क्रिया का होना या उसका अस्तित्व पाया जाए वैसे वाक्यों को हम Declarative sentence तक वाक्य कहते है।

संदेहार्थक वाक्य (Doubtful sentences) 

जिन वाक्य में कर्ता द्वारा किए गए कर्म से संदेह का बोध हो ऐसे वाक्यों को हम संदेहार्थक वाक्य कहते हैं।

निषेधात्मक वाक्य (Negative sentence) 

जिन वाक्यों में कार्य को नहीं करने का बोध हो ऐसे वाक्यों को हम निषेधात्मक वाक्य कहते हैं।

आज्ञार्थक वाक्य (Imperative sentence) 

हिंदी भाषा के जिन वाक्यों में आज्ञा का बोध और ऐसे वाक्य को हम imperative वाक्य कहते हैं।

प्रश्नार्थक वाक्य (Interrogative sentence) 

जिन वाक्यों से प्रश्न का बोध हो ऐसे वाक्यों को हम interrogative वाक्य कहते हैं।

क्या राम फल खाता है? आदि जैसे प्रश्न के वाक्य में प्रश्न का बोध होता है इसलिए हम ऐसे वाक्यों को interrogative वाक्य कहते हैं।

संकेतार्थक वाक्य (Indicative sentence)

ऐसे वाक्य जिससे किसी प्रकार के संकेत या किसी प्रकार के शर्त का भाव प्रकट हो ऐसे वाक्यों को हम संकेतार्थक वाक्य कहते हैं।

इसके अलावा indicative सेंटेंस वैसे sentence भी होते हैं जिसमें किसी व्यक्ति के द्वारा दिया जाने वाला संकेत स्पष्ट हो।

इच्छार्थक वाक्य (Prepositional sentence)

जिस किसी वाक्य में कर्ता द्वारा कार्य के भाव को व्यक्त करने की बात की जाए या आशीर्वाद, आकांक्षा, कामना आदि जैसे शब्दों का बोध हो ऐसे वाक्य को हम इच्छार्थक वाक्य कहते है।

अर्थात कहने का तात्पर्य है कि ऐसे वाक्य जिसमें किसी व्यक्ति की इच्छा मुख्य रूप से व्यक्त हो वैसे वाक्य को हम प्रीपोजिशनल सेंटेंस कहते हैं।

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FAQs – Sentence Kitne Prakar Ke Hote Hai?

अब तक हमने सेंटेंस के सभी प्रकार के प्रकारों के बारे में जाना अब हम इससे संबंधित कुछ प्रश्नों के बारे में जानेंगे इसे भी अवश्य पढ़ें।

# 1. 4 प्रकार के वाक्य क्या हैं? 

घोषणात्मक, विस्मयादिबोधक, आदेशात्मक और प्रश्नवाचक वाक्य चार प्रकार के वाक्य है, हालांकि वाक्य के प्रकार कई सारे दृष्टिकोण के अनुसार अलग-अलग भी होते हैं।

# 2. इंग्लिश में सेंटेंस क्या होते हैं?

ऐसे शब्दों के समूह जिनसे भाव पूरे हो या भाव व्यक्त हो, उन्हें हम इंग्लिश में सेंटेंस कहते हैं।

# 3. जटिल वाक्य क्या है?

कम से कम एक मुख्य उपवाक्य और एक अधीनस्थ उपवाक्य हो ऐसे वाक्यों को हम जटिल वाक्य कहते हैं।

# 4. वाक्य किसे कहते हैं अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

शब्दों का वह व्यवस्थित रूप जिसमें विचारों का आदान-प्रदानों उसे हम वाक्य कहते हैं और अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते हैं।

अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के निम्नलिखित है।

  • विधानार्थक वाक्य (Declarative sentence)
  • संदेहार्थक वाक्य (Doubtful sentences)
  • निषेधात्मक वाक्य (Negative sentence)
  • आज्ञार्थक वाक्य (Imperative sentence)
  • प्रश्नार्थक वाक्य (Interrogative sentence)
  • संकेतार्थक वाक्य (Indicative sentence)
  • इच्छार्थक वाक्य (Prepositional sentence)
  • विस्मय बोधक वाक्य (exclamation sentence)

निष्कर्ष – Sentence कितने प्रकार के होते हैं?

आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि sentence कितने प्रकार के होते हैं? मैंने आपको इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताई है।

Sentence संरचना, क्रिया और अर्थ के आधार पर अलग-अलग प्रकारों में बटी हुई है हमने उन सभी प्रकारों के बारे में एक विवरण के द्वारा आपको बताया है।

आशा है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आपके पास इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो कमेंट करके मुझे अवश्य पूछे हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।

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