काल कितने प्रकार के होते हैं (Kal Kitne Prakar Ke Hote Hai) | काल क्या होते है| हिंदी में कितने काल है | काल के कितने भेद होते हैं| वर्तमान काल क्या है | भूतकाल क्या है |भविष्य काल क्या है | संस्कृत में काल कितने प्रकार के होते हैं? और काल के सभी प्रकारों के बारे में एक विस्तृत विवरण आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे।
ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिसे व्याकरण संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर पता नहीं होते है जैसे काल कितने प्रकार के होते हैं | काल क्या होते हैं? आदि जैसे कई सारे प्रश्न बहुत से लोगों को पता नहीं होते है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको मुख्य रूप से काल कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में संपूर्ण जानकारी बताने वाले हैं।
हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा काल के बारे में संपूर्ण प्रकार के विस्तृत जानकारी एक-एक करके समझाएंगे तो चलिए अब हम जानते हैं काल कितने प्रकार के होते हैं?
काल कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित | Kal Kitne Prakar Ke Hote Hai With Example

काल कितने प्रकार के होते हैं? यह जान ने से पहले हमें यह जानना जरूरी हो जाता है की काल क्या होते है? तो चलिए सबसे पहले हम जानते हैं कि काल किसे कहते है और काल के कितने प्रकार होते हैं?
क्रिया का ऐसा रूप जिससे किसी प्रकार के काम का होने का बोध हो ऐसे शब्दों को हम काल कहते हैं।
आसान शब्दों में कहा जाए तो काल एक प्रकार का क्रिया है जिसमें किसी काम के होने का पता चलता है।
आम तौर पर काल तीन प्रकार के होते हैं।
- वर्तमान काल
- भूतकाल
- भविष्य काल
तो चलिए क्रिया के इन तीनों प्रकारों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी से जानते हैं कि ये तीन प्रकार होते क्या है? और इन तीनों प्रकारों के उदाहरण क्या है?
- सेंटेंस से कितने प्रकार के होते हैं
- टेंस कितने प्रकार के होते हैं
- Free में Download करें 100 Sentences Of Simple Present In Hindi PDF
#1. वर्तमान काल
क्रिया का ऐसा रूप जिसमें वर्तमान समय का पता चले उसे वर्तमान काल कहते हैं, वर्तमान काल की अंत में है, हो, रहा है आदि जैसे चिन्हों का उपयोग होता है।
अर्थात आसान शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि वर्तमान काल ऐसी क्रिया को कहा जाता है जिसमें काम हो रहा हो।
वर्तमान काल के उदाहरण
तो चलिए इसके कुछ उदाहरण के द्वारा हम समझते हैं वर्तमान काल क्या होता है?
- मोहन सो रहा है।
उपयुक्त उदाहरण से स्पष्ट होता है कि इस वाक्य में मोहन सो रहा है यानी इस वाक्य में वर्तमान स्थिति में क्रिया हो रही है।
केवल इतना ही नहीं इसके अंत में है, रहा है आदि जैसे चिन्हों का प्रयोग हुआ है इसलिए भी यह उदाहरण वर्तमान काल का उदाहरण है।
- मैं अभी पढ़ रहा हूं।
उपयुक्त उदाहरण में यह स्पष्ट हो रहा है कि इस वाक्य में कोई व्यक्ति है जो वर्तमान स्थिति में पढ़ रहा है इसलिए भी हम इस वाक्य को वर्तमान काल का उदाहरण ले सकते हैं।
अब तक हमने जाना की वर्तमान काल क्या होता है और वर्तमान काल के उदाहरण क्या है? अब हम इसके प्रकारों को जानेंगे।
वर्तमान काल कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्य रूप से वर्तमान काल 6 प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं।
- सामान्य वर्तमान काल
- अपूर्ण वर्तमान काल
- पूर्ण वर्तमान काल
- संदिग्ध वर्तमान काल
- तत्कालिक वर्तमान
- संभाव्य वर्तमान काल
तो चलिए अब हम वर्तमान काल के इन सभी प्रकारों के बारे में कुछ जानकारी जानते हैं।
सामान्य वर्तमान काल
क्रिया के ऐसे रूप को कहा जाता है जिसमें क्रिया का वर्तमान में होना हो या पाया जाए।
अगर इससे भी आसान शब्दों में कहा जाए तो ऐसी क्रिया जो भी वर्तमान में सामान्य है, वैसी क्रिया सामान्य वर्तमान काल कहलाती है।
अपूर्ण वर्तमान काल
क्रिया का ऐसा रूप जिससे यह पता चले कि वर्तमान काल में हो रहा कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है, ऐसे कार्य को हम अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
पूर्ण वर्तमान काल
इस काल में क्रिया की पूर्ण सिद्धि का बोध होता है, वैसे कार्य को हम पूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
संदिग्ध वर्तमान काल
जिस क्रिया में काम के होने में संदेह हो लेकिन निश्चय ही वह काल वर्तमान काल हो ऐसे काल को हम संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं।
तत्कालिक वर्तमान
क्रिया का ऐसा रूप जिससे यह पता चले कि वर्तमान में यह कार्य हो रहा है वैसे कार्य को हम तात्कालिक वर्तमान काल कहते हैं।
संभाव्य वर्तमान काल
ऐसे सभी काम इसके वर्तमान काल में संभव हो जाने की संभावनाएं हो वैसे काल को हम संभावित वर्तमान काल करते हैं।
#2. भूतकाल
क्रिया के जिस रूप से किसी चीज के होने या फिर भूतपूर्व में हुए किसी चीज का वर्णन हो, उसे हम भूतकाल कहते हैं।
आसान शब्दों में कहा जाए तो भूतकाल हम ऐसे शब्दों या वाक्य को कहते हैं जिसमें हमें क्रिया के रूप का होना पता चले अर्थात वर्तमान में वह चीज पहले ही गठित हो चुकी है।
भूतकाल के उदाहरण
तो चलिए अब हम कुछ उदाहरण से समझते हैं कि भूतकाल होता क्या है?
- राम ने पत्र लिखा।
जैसा कि इस वाक्य से स्पष्ट हो रहा है कि राम ने पत्र लिखा अर्थात राम के द्वारा पहले ही पत्र लिखा जा चुका है।
इसका अर्थ यह है कि राम ने कुछ समय पहले ही अपना पत्र लिख चुका है इसलिए राम को दोबारा पत्र लिखने की जरूरत नहीं है, पत्र लिखने का काम भूतकाल में हुआ है।
- उसने दो दिन पहले ही काम पूरा कर लिया।
जैसा कि इस वाक्य से स्पष्ट हो रहा है कि काम 2 दिन पहले ही पूरा हो चुका है अर्थात ये वाक्य भी भूत काल में होगा।
क्योंकि काम पहले ही दो दिन पहले पूरा कर लिया गया है।
भूतकाल कितने प्रकार के होते हैं?
अगर भूतकाल के बारे में इनके प्रकार की बात की जाए तो भूतकाल के भी 6 प्रकार होते है।
- सामान्य भूतकाल
- आसन्न भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतुहेतुमद भूत
तो चलिए अब हम भूतकाल के इन सभी प्रकारों के बारे में कुछ जानकारी जानते हैं।
सामान्य भूतकाल
ऐसे कल जिससे भूतकाल की क्रिया के विशेष समय का ज्ञान ना हो वैसे काल को हम सामान्य भूतकाल कहते हैं।
आसन्न भूतकाल
क्रिया का ऐसा रूप जिससे यह पता चले कि पिछले कुछ समय में ही क्रिया पूरी हुई है वैसे काल को हम आसन भूतकाल कहते हैं।
पूर्ण भूतकाल
क्रिया का ऐसा रूप जिसमें क्रिया पूर्ण रूप से नष्ट होता हो ऐसे काल को हम पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
अपूर्ण भूतकाल
ऐसी क्रिया जिससे यह पता चले कि भूतकाल में क्रिया संपन्न नहीं हुई है ऐसे कार्य को हम अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
संदिग्ध भूतकाल
ऐसी क्रिया जिसमें कार्य होने का संदेह पता चले वैसे क्रिया को हम संदिग्ध भूतकाल कहते हैं।
हेतुहेतुमद भूतकाल
भूतकाल की ऐसी क्रिया जिसमें एक क्रिया के होने या ना होने से दूसरी क्रिया पर उसका प्रभाव पड़ता है ऐसी क्रिया को हम हेतुहेतुमद भूतकाल कहते हैं।
#3. भविष्य काल
क्रिया का ऐसा रूप जिससे हमें किसी कार्य के भविष्य में होने का पता चले या ऐसा प्रतीत हो कि भविष्य में वह कार्य होगा वैसे क्रिया को हम भविष्य काल कहते हैं।
अगर इससे भी आसान शब्दों में कहा जाए तो किसी भी काम के भविष्य में होने की क्रिया को भविष्य काल कहते हैं।
अगर आपको भविष्य काल की पहचान करनी है तो अंत में आए गा, गे, गी से ही पहचान करनी होती है, क्योंकि भविष्य काल में अंत में अक्सर इन्हीं चिन्हों का प्रयोग होता है।
भविष्य काल के उदाहरण
तो चलिए अब हम भविष्य काल के कुछ उदाहरण के द्वारा समझते हैं कि भविष्य काल क्या होता है?
- राम कल घर जाएगा।
उपयुक्त उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि इस वाक्य में राम भविष्य काल में अपनी क्रिया को करेगा अर्थात भविष्य काल में वह अपने घर की ओर जाएगा तो यह वाक्य भविष्य काल का उदाहरण है।
- मैं समय पर अपना पूरा काम कर लूंगा।
हमारे द्वारा दिए गई उपयुक्त उदाहरण से यह स्पष्ट होता है कि इस उदाहरण में भी कोई व्यक्ति अपना काम भविष्य में यानी समय से पूरा करने की बात कह रहा है यह उदाहरण भी भविष्य काल का उदाहरण है।
अब तक हमने जाना कि भविष्य काल क्या होता और भविष्य काल के उदाहरण का क्या है? अब हम भविष्य काल के प्रकारों को जानेंगे।
भविष्य काल कितने प्रकार के होते हैं?
मुख्य रूप से भविष्य काल तीन प्रकार के होते हैं जो कि इस प्रकार हैं।
- सामान्य भविष्य काल
- संभाव्य भविष्य काल
- हेतुहेतुमद विषय भविष्य काल
तो चलिए अब हम भविष्य काल के इन सभी प्रकारों के बारे में जानते हैं।
सामान्य भविष्य काल
क्रिया का ऐसा रूप जिस किसी कल के भविष्य के सामान्य रूप का पता चले वैसे काल को हम सामान्य भविष्य काल कहते हैं।
संभाव्य भविष्य काल
क्रिया का एक ऐसा रूप जिससे भविष्य में होने वाले संभावनाओं का पता चले उसे हम संभावित भविष्य काल कहते हैं।
आसान शब्दों में कहा जाए तो संभावित भविष्य काल में क्रिया का रूप संभावित रहता है इसलिए इसे हम संभावित भविष्य काल कहते हैं।
हेतुहेतुमद विषय भविष्य काल
क्रिया का ऐसा रूप जिससे कार्य का होना किसी अन्य क्रिया पर प्रभाव डालता हो ऐसी क्रियो को हम हेतु हेतुमद विषय भविष्य काल कहते हैं।
FAQs – काल कितने प्रकार के होते हैं?
अब तक हमने अच्छी तरह जान लिया कि काल कितने प्रकार के होते हैं? और काल क्या होते हैं अब हम इस जुड़े कुछ विशेष प्रश्नों को जानेंगे इसे भी अवश्य पढ़े।
#1. काल कितने होते हैं और उनके उदाहरण?
मुख्य रूप से काल तीन प्रकार के होते हैं, वर्तमान काल, भूतकाल और भविष्यत् काल। उदाहरण के स्वरूप में वर्तमान काल में जो कार्य वर्तमान स्वरूप में हो रहा हो, भूतकाल में जो कार्य हो चुका हो, भविष्य काल में जो कल भविष्य में हो रहा हो।
#2. काल किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
किसी भी प्रकार के काम से होने से समय का पता चलने पर हम काल कहते हैं जैसे भविष्य काल, भूतकाल, वर्तमान काल यह सभी काल, काल के प्रकार होते हैं जो की तीन प्रकार के होते हैं।
#3. काल क्या है और इसके नियम क्या है?
काल क्रिया का ऐसा रूप है जो किसी कार्य की घटित होने या घटित होने की प्रक्रिया को दर्शाता है।
इनको नियमों को आमतौर पर तीन प्रकारों में विभाजित किया गया भविष्य काल, भूतकाल, वर्तमान काल।
#4. शून्य काल कब होता है?
शून्य काल जिसे अंग्रेजी में जीरो काल भी कहा जाता है।
आमतौर पर यह संसद में 12:00 बजे से लेकर 1:00 बजे के बीच के समय को कहा जाता है। इस बीच संसद में किसी प्रकार की कोई काम नहीं होती है।
#5. भारत में शून्य काल कब से शुरू हुआ?
1960 के दशक में हमारे भारत में शून्य काल की शुरुआत हुई जो कि आज भी हमारे सांसद में रोजाना 12 से 1:00 बजे के बीच शून्य काल माना जाता है और इस बीच किसी प्रकार के कोई भी कार्य विधि नहीं होती है।
निष्कर्ष – काल कितने प्रकार के होते हैं?
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि काल कितने प्रकार के होते हैं (Kal Kitne Prakar Ke Hote Hai) मैंने आपको इससे जुड़े सभी प्रकार के प्रश्नों के बारे में बताया है।
काल तीन प्रकार के होते हैं, तीनों प्रकारों के बारे में मैंने एक विस्तृत विवरण दिया है उसके अलावा काल के तीनों प्रकार भी कुछ प्रकारों में विभाजित होते हैं।
उन सभी प्रकारों के बारे में एवं उनकी परिभाषा सहित मैंने इस आर्टिकल में आपको समझाया है। अंत में मैंने इससे जुड़े कुछ विशेष प्रश्नों को भी आपको बताया है आशा करती हूं, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी।